फ्री राशन में गेहूं के बदले पहली बार मिलेगा 5 किलो बाजरा मुफ्त ऐसे मिलेगा सभी को लाभ Free Ration Yojana

Free Ration Yojana : सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अब फ्री राशन योजना में गेहूं की जगह बाजरा दिया जाएगा। यह एक बड़ा बदलाव है जो किसानों और आम लोगों दोनों को प्रभावित करेगा।

Free Ration Yojana : एक नया कदम

यह पहली बार है जब सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से बाजरा खरीदेगी। गेहूं की तुलना में बाजरा थोड़ा महंगा है। गेहूं का समर्थन मूल्य 2,400 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि बाजरे का 2,625 रुपये प्रति क्विंटल। यानी बाजरा लगभग 225 रुपये प्रति क्विंटल ज्यादा महंगा है।

वितरण योजना

सरकार ने तय किया है कि खरीदा गया बाजरा तीन महीनों में बांटा जाएगा। ये महीने हैं – नवंबर, दिसंबर और जनवरी। जिन लोगों को पहले गेहूं मिलता था, उन्हें अब बाजरा मिलेगा। यह वितरण उसी तरह होगा जैसे पहले गेहूं दिया जाता था।

लाभार्थियों की संख्या

राज्य में खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े 1 करोड़ 6 लाख से ज्यादा परिवार हैं। इन परिवारों के कुल 4.46 करोड़ लोगों को बाजरा दिया जाएगा। सरकार की योजना है कि वह 3 महीने के लिए 8 से 10 लाख मीट्रिक टन बाजरा खरीदे।

बाजरे के फायदे

बाजरा स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसमें कई पोषक तत्व होते हैं जो शरीर के लिए जरूरी हैं। खासतौर पर, यह महिलाओं में लोहे की कमी को दूर करने में मदद कर सकता है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, 100 ग्राम बाजरे में पाए जाते हैं:

  • 11.6 ग्राम प्रोटीन
  • 65.5 ग्राम कार्बोहाइड्रेट
  • 1.2 ग्राम फूड फाइबर
  • 42 मिलीग्राम कैल्शियम
  • 8 मिलीग्राम आयरन

सरकार का दृष्टिकोण

खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने कहा है कि इस योजना पर शुरुआती बातचीत हो चुकी है। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि किसानों से बाजरे की खरीद की जाएगी और लोगों को पौष्टिक बाजरा मिलेगा।

इस फैसले का प्रभाव

यह कदम कई तरह से फायदेमंद हो सकता है:

  1. किसानों को अपनी फसल का अच्छा दाम मिलेगा।
  2. लोगों को पौष्टिक आहार मिलेगा जो उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।
  3. बाजरे की खेती को बढ़ावा मिलेगा।

लेकिन कुछ चुनौतियां भी हो सकती हैं:

  1. लोगों को गेहूं की जगह बाजरा खाने की आदत डालनी होगी।
  2. बाजरे की कीमत ज्यादा होने से सरकार पर खर्च बढ़ सकता है।

सरकार का यह फैसला किसानों और आम लोगों दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। इससे लोगों के खान-पान में बदलाव आएगा और उनके स्वास्थ्य पर अच्छा असर पड़ सकता है। साथ ही, किसानों को भी फायदा होगा। अब देखना यह है कि लोग इस बदलाव को कैसे अपनाते हैं और इसका क्या असर होता है।

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