सरकार ने Free Ration Yojana में एक महत्वपूर्ण बदलाव का फैसला लिया है। अब गेहूं के स्थान पर बाजरा दिया जाएगा। यह पहली बार है जब सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों से बाजरा खरीदने की योजना बना रही है।
Free Ration Yojana
खरीदा गया बाजरा तीन महीनों – नवंबर, दिसंबर और जनवरी – में खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को मुफ्त में बांटा जाएगा। यह वितरण उसी तरह होगा जैसे पहले गेहूं दिया जाता था।
सरकार की सहमति और बाजरे के फायदे
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति सुरक्षा विभाग के सुझाव को सरकार ने स्वीकार किया है। बाजरा को स्वास्थ्य के लिए अत्यंत फायदेमंद माना जाता है। यह खासतौर पर महिलाओं में लोहे की न्यूनता को भरने में मददगार साबित हो सकता है।
बाजरे की खरीद: एक नई पहल
यह पहला मौका है जब सरकार समर्थन मूल्य पर बाजरा खरीदेगी। गेहूं का समर्थन मूल्य 2,400 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि बाजरे का 2,625 रुपये प्रति क्विंटल। इस हिसाब से बाजरा लगभग 225 रुपये प्रति क्विंटल महंगा पड़ेगा।
लाभार्थियों की संख्या और खरीद का लक्ष्य
राज्य में खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े 1 करोड़ 6 लाख से अधिक परिवारों के 4.46 करोड़ लोगों को बाजरा दिया जाएगा। प्रदेश में बाजरे का उत्पादन करीब 50 लाख मीट्रिक टन है। सरकार 3 महीने के लिए 8 से 10 लाख मीट्रिक टन बाजरा किसानों से खरीदने की योजना बना रही है।
बाजरे के पोषण मूल्य
आईसीएमआर की 2018 की एक रिपोर्ट के अनुसार, 100 ग्राम बाजरे में 11.6 ग्राम प्रोटीन, 65.5 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 1.2 ग्राम फूड फाइबर पाया जाता है। इसके अलावा, इसमें 42 मिलीग्राम कैल्शियम और 8 मिलीग्राम आयरन भी मौजूद होता है।
सरकारी प्रतिक्रिया
राजस्थान के मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि प्रारंभिक बातचीत हो चुकी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि किसानों से बाजरे की खरीद की जाएगी और लोगों को पौष्टिक बाजरा उपलब्ध करवाया जाएगा।
यह कदम न केवल किसानों को लाभ पहुंचाएगा, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य में भी सुधार लाने में मदद करेगा। बाजरे के पोषक तत्वों के कारण, यह फैसला लोगों के समग्र स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। हालांकि, यह देखना बाकी है कि इस बदलाव को लोग कैसे स्वीकार करते हैं और इसका क्या प्रभाव पड़ता है।