EPFO New Rule: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा अपने खाताधारकों के लिए समय-समय पर जरूरी बदलाव किए जाते हैं। ईपीएफओ द्वारा अपने नियमों में समय-समय पर जरूरत के हिसाब से कई बदलाव किए गए हैं। हाल ही में EPFO ने एक और नया नियम बनाया है। EPFO ने इस नए नियम के तहत एक सर्कुलर जारी किया है। जिसके अनुसार ईपीएफओ अब UAN को फ्रिज और डी फ्रीज करने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) तैयार कर रहा है। इसने अपडेट के तहत अब ईपीएफओ के खाताधारकों को फेक ट्रांजैक्शन या धोखाधड़ी की उम्मीद होने पर वेरीफिकेशन प्रोसेस से गुजरना होगा।
इस नए अपडेट के तहत ईपीएफओ अकाउंट को नए वेरीफिकेशन प्रोसेस से गुजरना होगा। इस प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि खाताधारक का अकाउंट सुरक्षित है या नहीं। इस नए नियम के तहत अब किसी भी संगठन या फिर खाता धारकों को अपने अकाउंट को वेरीफाई करने के लिए 14 दिन का अतिरिक्त समय दिया जाएगा। पहले यह सुविधा केवल 30 दिनों के लिए दी जा रही थी। जहां इस वेरीफिकेशन प्रोसेस के लिए सब्सक्राइबर्स को पहले मात्र 30 दोनों का समय मिलता था वही उन्हें 14 दिन का और अतिरिक्त समय मिल जाएगा।
EPFO Freeze Account क्या होता है?
ईपीएफओ फ्रिज अकाउंट का मतलब इस अकाउंट से जुड़ी कई एक्टिविटीज को डीएक्टिवेट करना होता है। अगर हम इसे सरल भाषा में कहें तो अगर आपका अकाउंट फ्रीज हो गया है तो इसका मतलब है कि आप इस अकाउंट में कुछ सुविधाओं को उपयोग नहीं कर सकते हैं। इस अकाउंट से ईपीएफओ द्वारा कुछ सर्विस को निष्क्रिय कर दिया गया है। अगर आपका पीएफ अकाउंट फ्रीज हो जाता है तो आपको आगे बताई जा रही निम्न सर्विस का इस्तेमाल करने की परमिशन नहीं दी जाएगी।
- यूनिफाइड पोर्टल पर लॉग-इन
- नया यूएएन डेवलप
- मेंबर प्रोफाइल और एम्पलॉयर डीएससी अपडेट
- क्लेम सेटलमेंट
- फंड ट्रांसफर
- विड्रॉल
- नए फाउंडेशन का रजिस्ट्रेशन
ऊपर बताई गई इन सभी सर्विस का इस्तेमाल ईपीएफओ द्वारा आपके अकाउंट को फ्रीज करने के बाद नहीं किया जा सकता है।
EPFO Defreeze Account क्या होता है?
ईपीएफओ डी-फ्रीजिंग प्रक्रिया के दौरान, खाते को फ्रीज कर दिया जाता है। इसमें कई श्रेणियाँ शामिल होती हैं। खाते को डीफ्रीज करने के लिए वेरिफिकेशन की आवश्यकता होती है। श्रेणी-ए में, यूएएन या फाउंडेशन के लिए हेड ऑफिस से पहचान और संपर्क किया जाता है। श्रेणी-बी में प्रोफाइल या केवाईसी में किसी भी प्रकार का बदलाव शामिल होता है। श्रेणी-सी में, यूएएन ऑथोरिटी की मंजूरी के बिना एपेंडिक्स ई, वीडीआर स्पेशल, स्पेशल 10डी, वीडीआर ट्रांसफर-इन आदि के माध्यम से सबमिट किया जा सकता है।
ईपीएफओ के डी-फ्रीजिंग प्रक्रिया के दौरान, खातों को सुरक्षा और वेरिफिकेशन के लिए फ्रीज कर दिया जाता है। यह प्रक्रिया कई श्रेणियों में विभाजित होती है। श्रेणी-ए के तहत, यूएएन (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर) या फाउंडेशन के लिए हेड ऑफिस से पहचान और संपर्क स्थापित किया जाता है। इस श्रेणी में मुख्य रूप से हेड ऑफिस के द्वारा यूएएन या फाउंडेशन की पुष्टि की जाती है।
श्रेणी-बी में, किसी भी प्रकार के प्रोफाइल या केवाईसी (नो योर कस्टमर) में बदलाव शामिल होते हैं। यदि किसी सदस्य के प्रोफाइल या केवाईसी में बदलाव होता है, तो इसे श्रेणी-बी के तहत लिया जाता है और आवश्यक वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी की जाती है।
श्रेणी-सी में, यूएएन अथॉरिटी की मंजूरी के बिना कुछ दस्तावेज़ जैसे एपेंडिक्स ई, वीडीआर स्पेशल, स्पेशल 10डी, वीडीआर ट्रांसफर-इन आदि के माध्यम से सबमिट किया जा सकता है। इस श्रेणी में बिना यूएएन अथॉरिटी की मंजूरी के दस्तावेज़ जमा किए जाते हैं, जिन्हें बाद में वेरिफाई किया जाता है।
यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि ईपीएफओ खाते में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या धोखाधड़ी को रोका जा सके। वेरिफिकेशन प्रक्रिया के बाद ही खाते को डीफ्रीज किया जाता है, ताकि सदस्य अपने खाते का सही तरीके से उपयोग कर सकें। ईपीएफओ की इस प्रणाली से खातों की सुरक्षा और सदस्यों की पहचान की पुष्टि होती है, जिससे किसी भी अनाधिकृत गतिविधि को रोका जा सके।