PM Vishwakarma Yojana भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो विश्वकर्मा समुदाय के 140 से अधिक जातियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का लक्ष्य रखती है। यह योजना कारीगरों और शिल्पकारों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने का प्रयास करती है।
Pm Vishwakarma Yojana के उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य विश्वकर्मा समुदाय के कारीगरों को मुफ्त प्रशिक्षण देना है। प्रशिक्षण के दौरान 500 रुपये प्रतिदिन का स्टाइपेंड दिया जाता है। सरकार 15,000 रुपये का ई-वाउचर टूल-किट खरीदने के लिए प्रदान करती है। इसके अलावा, व्यवसाय शुरू करने के लिए 3 लाख रुपये तक का ऋण 5% की कम ब्याज दर पर दिया जाता है।
पीएम विश्वकर्मा योजना पात्रता
योजना का लाभ उठाने के लिए, आवेदक को विश्वकर्मा समुदाय का होना चाहिए और उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। प्रति परिवार केवल एक सदस्य ही इस योजना का लाभ उठा सकता है।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के जरुरी दस्तावेज
आवेदन के लिए आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण, पासपोर्ट साइज फोटो, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी की आवश्यकता होती है।
पीएम विश्वकर्मा योजना लास्ट डेट
यह योजना 15 अगस्त 2023 से शुरू हुई है और अभी तक कोई अंतिम तिथि घोषित नहीं की गई है। आप किसी भी समय इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से लाभान्वित होने वाले व्यवसाय और कारीगर
इस योजना का लाभ राज मिस्त्री, नाई, धोबी, दर्जी, बढ़ई, लोहार, सुनार, मूर्तिकार, मोची, और अन्य कई पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े लोगों को मिलता है।
पीएम विश्वकर्मा योजना में आवेदन कैसे करना है?
आवेदन करने के लिए, सरकारी वेबसाइट पर जाकर CSC लॉगिन के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करना होगा। आवेदन फॉर्म भरने के बाद, सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे।
पीएम विश्वकर्मा योजना के आवेदन की स्थिति कैसे जांचें
आवेदन की स्थिति जांचने के लिए, आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपने मोबाइल नंबर और OTP के माध्यम से लॉगिन करें।
पीएम विश्वकर्मा योजना की हेल्पलाइन नंबर
किसी भी प्रश्न या समस्या के लिए, आप टोल फ्री नंबर 18002677777 या 17923 पर संपर्क कर सकते हैं। आप 011-23061574 पर फोन कर सकते हैं या [email protected] पर ईमेल भेज सकते हैं।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना विश्वकर्मा समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि पारंपरिक कौशल को आधुनिक तकनीक से जोड़कर रोजगार के नए अवसर भी खोलती है। इस योजना के माध्यम से, सरकार भारत के पारंपरिक शिल्प और कला को संरक्षित करने का प्रयास कर रही है, जो देश की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।